एक लड़की ने एक लड़के का प्यार कबूल नहीं किया। तो लड़के ने लड़की के मुँह पर तेजाब फेंक दिया तो लड़की ने लड़के से चंद पंक्तियां कहीं..!!
चलो, फेंक दिया सो फेंक दिया अब कसूर भी बता दो मेरा तुम्हारा इजहार था मेरा इंकार था बस इतनी सी बात पर फूंक दिया तुमने चेहरा मेरा..!!
गलती शायद मेरी थी प्यार तुम्हारा देख न सकी इतना पाक प्यार था कि उसको मैं समझ ना सकी..!!
अब अपनी गलती मानती हूँ क्या अब तुम, अपनाओगे मुझको?
क्या अब अपना, बनाओगे मुझको? क्या अब , सहलाओगे मेरे चहरे को? जिन पर अब फफोले हैं।
मेरी आंखों में आंखें डालकर देखोगे? जो अब अंदर धंस चुकी हैं,
जिनकी पलकें सारी जल चुकी हैं, चलाओगे अपनी उंगलियां मेरे गालों पर? जिन पर पड़े छालों से अब पानी निकलता है,
हाँ, शायद तुम कर लोगे..!!
तुम्हारा प्यार तो सच्चा है ना? अच्छा..!!
एक बात तो बताओ, ये ख्याल 'तेजाब' का कहां से आया..?
क्या किसी ने तुम्हें बताया? या जेहन में तुम्हारे खुद ही आया..?
अब कैसा महसूस करते हो तुम मुझे जलाकर?
गौरान्वित या पहले से ज्यादा और भी मर्दाना..?
तुम्हें पता है सिर्फ मेरा चेहरा जला है, जिस्म अभी पूरा बाकी है, एक सलाह दूं..!!
एक तेजाब का तालाब बनवाओ फिर इसमें मुझसे छलांग लगवाओ जब पूरी जल जाऊंगी मैं फिर शायद तुम्हारा प्यार मुझमें और गहरा और सच्चा होगा..!!
एक दुआ है..!! अगले जन्म में मैं तुम्हारी बेटी बनूं और मुझे तुम जैसा आशिक फिर मिले शायद तुम फिर समझ पाओगे तुम्हारी इस हरकत से मुझे और मेरे परिवार को कितना दर्द सहना पड़ा है..!!
तुमने मेरा पूरा जीवन बर्बाद कर दिया है।
आप एक बार इन पंक्तियों को जरुर पढ़ना।
चलो, फेंक दिया सो फेंक दिया अब कसूर भी बता दो मेरा तुम्हारा इजहार था मेरा इंकार था बस इतनी सी बात पर फूंक दिया तुमने चेहरा मेरा..!!
गलती शायद मेरी थी प्यार तुम्हारा देख न सकी इतना पाक प्यार था कि उसको मैं समझ ना सकी..!!
अब अपनी गलती मानती हूँ क्या अब तुम, अपनाओगे मुझको?
क्या अब अपना, बनाओगे मुझको? क्या अब , सहलाओगे मेरे चहरे को? जिन पर अब फफोले हैं।
मेरी आंखों में आंखें डालकर देखोगे? जो अब अंदर धंस चुकी हैं,
जिनकी पलकें सारी जल चुकी हैं, चलाओगे अपनी उंगलियां मेरे गालों पर? जिन पर पड़े छालों से अब पानी निकलता है,
हाँ, शायद तुम कर लोगे..!!
तुम्हारा प्यार तो सच्चा है ना? अच्छा..!!
एक बात तो बताओ, ये ख्याल 'तेजाब' का कहां से आया..?
क्या किसी ने तुम्हें बताया? या जेहन में तुम्हारे खुद ही आया..?
अब कैसा महसूस करते हो तुम मुझे जलाकर?
गौरान्वित या पहले से ज्यादा और भी मर्दाना..?
तुम्हें पता है सिर्फ मेरा चेहरा जला है, जिस्म अभी पूरा बाकी है, एक सलाह दूं..!!
एक तेजाब का तालाब बनवाओ फिर इसमें मुझसे छलांग लगवाओ जब पूरी जल जाऊंगी मैं फिर शायद तुम्हारा प्यार मुझमें और गहरा और सच्चा होगा..!!
एक दुआ है..!! अगले जन्म में मैं तुम्हारी बेटी बनूं और मुझे तुम जैसा आशिक फिर मिले शायद तुम फिर समझ पाओगे तुम्हारी इस हरकत से मुझे और मेरे परिवार को कितना दर्द सहना पड़ा है..!!
तुमने मेरा पूरा जीवन बर्बाद कर दिया है।
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